Experiences of Guru Purnima Shivir 2025

नमस्कार गुरुजी,
बहुत सालोसे मेरी ये मनिषा थी की मुझे एक सदेहधारी गुरू होना चाहिए, वो मेरी कामना आपके जरिये पुरी हो गई, इस लिये मेरा आपको साष्टांग प्रणाम.
1.पहले तो मेरी साधनामे होनेवाली गलतीया थी उसमे आपने सही सुधार लाए तो इसके बाद मेरी साधना अच्छी होगी. 2. दीक्षा देते समय का अनुभव तो अवर्णनीय था. मुझे आपके ” Divine Power” का अनुभव भी मिला. 3. तिसरा लेसन याने योनी मुद्रा sikhte समय का अनुभव भी दैवी लगा. और वही अनुभव मैने आज घर पे भी लिया.
4.गुरुपौणिमा के दिन का अनुभव भी मन को संतोष दे गया.
आपके आशीर्वाद से इसके बाद मेरी साधना अच्छी तरह से होगी ये मुझे भरोसा है.
आपका आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ रहे ये प्रार्थना करता हुं.
Satish Gadgil, Maharashtra

नमस्ते 🙏
मेरा नाम ईशा मल्होत्रा है ।
मैं बाबाजी की कृपा से गुरु जी से २०१७ से जुड़ी हुई हूँ । मेरा अनुभव हर बार मुझे नये आयाम मैं ले जाता है और बात अगर गुरु पूर्णिमा की कि जाए तो उसका वर्णन करना शब्दों में मुश्किल है मैं फिर भी एक छोटी कविता द्वारा बताना चाहूँगी ।

मैने खुलीं ऑंखो से जो सितारे
नभ में जगमगाते देखे थे ।
वो मैंने बंद आँखों से अपने
भीतर जगमगाता देखा है ।
रोशनी ही रोशनी चहुंओर
थी मेरे बिखरी हुई ।
जाना मैंने भेद जीवन का
द्वैत से एक होने का ।
श्वास के हर ज्वार भाटे में
सिखा स्वयं को स्थिर रखना ।
गुरुजनों के आशीर्वाद का
अमृत पान हमने किया है ।
क्या बताऊँ मैं और की मैं भी
अब हंस बनने वाली हूँ ।
परिशुद्ध भाव व्यक्त करना सहज नहीं है ।
बाबा जी की कृपा से हमने गुरु रुप में अपने जीवन के खिंवइया को पाया है जो हमें उस पार ले जा रहे हैं ।
धन्यवाद गुरुजी 🙏

Pranam Guruji,

I feel truly blessed and grateful to be learning such an ancient and sacred spiritual practice under Guruji’s divine guidance. The vibrations of the aashram were profoundly powerful and uplifting. I wanted to share something specifically about the Guru Purnima Sadhana.

Despite waking up much earlier than usual, I felt very energetic and alive throughout the entire day. That sacred energy stayed with me even after returning home. It was as if your blessings were carrying me forward effortlessly. Every moment spent with Guruji in aashram was deeply pious and transformative. I am so grateful for Guruji’s tireless efforts to uplift all of us. May we always remain worthy of your grace, and may we never lose sight of this path you have so patiently illuminated for us.

In Humble Reverence

Molly Swamy

My Experience

After the divine sadhana and havan of Gurupounima I felt completely relaxed. There were no thoughts in my mind. It was very energetic and lighter feeling of body, mind and soul.
We needed to bring ourselves in reality after sadhana by moving our fingers, toes etc.
Every human being needs the peace of mind with calmness and I absolutely felt that after the sadhana guided by Guruji.
Eternal peace, calm mind is achieved. Guru’s blessings are rejuvinating and very inspiring.
Every kriya , every process was explained so well that the common person like me also could relate the process of sadhana and able to perform it regularly.
The simple techniques of Kriyayog helps us to balance our Physical, mental and Spiritual life.

I Completely surrender, trust Guruji and express my sincere gratitude to Guruji🙏
Madhvi
Maharashtra

नमस्ते, मैं डॉक्टर सुमेधा
पिछले 2 सालों से मुझे सिद्धपूर तपोभूमी स्थित आश्रम में गुरूजी द्वारा आयोजित शिविर में जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. एक स्त्री साधक होते हुए पहले थोड़ा संकोच था किंतु यहां बहोत सुरक्षित वातावरण है, प्रकृती की गोद में बसा हुआ आश्रम, कई तरह के पंछियों का यहां स्वच्छंद विचरण,अपने आप को समझने में यह वातावरण बहोत ही पोषक है, गुरुजी क्रियायोग का ज्ञान बहोत सरल तरीके से साधकों को देते है, क्रिया योग की दीक्षा एवं विभिन्न विद्याओं को साधकों द्वारा करवाया जाता हैंl साधना के लिए अत्यंत उपयुक्त जगह तथा गुरुजी का मार्गदर्शन एक अलग ही अनुभव देता है, खुद को पहचानने का, स्व की पहचान करने का सुखद अनुभव यहां मिलाl गुरुपोर्णिमा के उपलक्ष्य में शिविर में हवन तथा सत्संग एक अद्भुत एहसास था, इस तरह के विभिन्न शिविरों के लिए बहोत पैसे लिए जाते है किन्तु यहां गुरुजी ऐच्छिक दान में इतना सब कुछ सिखाते हैं l धन्यवाद गुरुजी आपके निष्काम मार्गदर्शन के लिए l

Experience of Gurupurnima shibir – July 2025.

It was a wonderfully organized 3 days shibir.
Guruji taught us so many new things about meditation, havan and healing. More than 40+ participants added to the energy. The shibir was in Siddhpur Ashram which was very green, peaceful and provided an environment conducive to meditation and inner peace.

We learnt the Shri Vidya course on day 2: and also how to do havan for the same. On Gurupurnima, we did meditation in brahma mahurat and received so much energy and blessings from our Guru Sabha.

After 3 days, I felt fully transformed and rejuvenated. My most humble thanks for so much energy and blessings. ✨✨✨✨

ॐ क्रिया बाबाजी नमः ॐ
दिनांक : 19/07/25

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः।।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः।

नमस्कार क्रियावान साधकों। मैं योगेश उंडाळे, (कोल्हापुर), अपने गुरुपूर्णिमाके अनुभव आपसे साझा करना चाहता हूँ।
दिनांक 9–१० जुलाई २०२५ को सिद्धभूमि तपोभूमि आश्रम, सिद्धगुरु की पावन धरती पर हमारा गुरुपूर्णिमा का शिविर सम्पन्न हुआ। हमारे परमप्रिय पूज्य गुरुजी श्री पारस भट जी के अनमोल सत्संग, आशीर्वाद और साधना के अनुभवों का अपार भण्डार हमें इस दो दिन के शिविर में प्राप्त हुआ।

वैसे तो मैंने श्री पारस गुरूजी से दीक्षा लेने से पहले ही २०११ में क्रियायोग की दीक्षा किसी और जगह से ली थी। उसके बाद भी मैंने और दो गुरुओं से दीक्षा प्राप्त की थी। तब मेरे साथ मेरी पत्नी स्वाति और मेरा बेटा ऋतुज भी शामिल थे। उस दीक्षा के बाद जैसे ही मैंने अपनी साधना की शुरुआत की, तो हर वक्त मुझे कुछ न कुछ शंका मन में आती रहती थी । लेकिन तब उन गुरुओंसे जुड़कर भी हर बार मेरी शंका दूर नहीं हो रही थी । इससे पहले जितने गुरुओंसे दीक्षा ली थी वे सारे महान गुरुवर्य विश्वव्यापी साधना प्रसार में बहुत ही व्यस्त थे। इसके कारण मेरी साधना आगे नहीं बढ़ रही थी। इस वजह से मैं भी थोड़ा अस्वस्थ था।
और इसके बाद आया साल २०१७ जो हमारी जिंदगी को पूरी तरह बदलनेवाला साल था, इस साल हमारी भांजी के माध्यम से हमारी मुलाकात श्री परमपूज्य पारस भट गुरुजी के साथ हो गई और उस साल हमारे परिवार के तीनो सदस्योंने श्री पारस भट गुरूजी से दीक्षा का अनुपम अवसर प्राप्त किया।

एक सच्चे गुरु की कृपा होना ये बहुत ही बड़े भाग्य की बात है। ये हमारे जीवन में बदलाव की एक महत्वपूर्ण शुरुआत थी। उसके बाद जैसे ही हम साधना की राह पर आगे मार्गक्रमण करने लगे, तो गुरुजी के आशीर्वाद से एक रास्ता मिल गया।जैसे ही साधना अच्छी होने लगी, तो अपने आप में जो बदलाव होने लग गए वो एक परमानंद की स्थिति थी जो थोड़ी सी सही, लेकिन जरूर मौजूद थी। मन में एक आंतरिक बदलाव और बाह्य शरीर में भी कुछ बदलाव नजर आने लगे। जो ये अनुभव थे, वो अवर्णनीय थे।ये तो शब्दों में बयां नहीं कर सकते।आंतरिक स्थिति की बदलाहट से , मन एकदम शांत होने लगा।किसी भी परिस्थिति में, किसी भी संकट समय में, मन को शांतिपूर्ण, स्पष्टतासे , संयम से और साक्षीभाव से काम करने की आदत लगने लगी।

हर एक साधक अपने जीवन में किसी न किसी भगवान या दिव्य गुरु को बहोत मानता है लेकिन इसी के साथ अपने जीवन में एक मनुष्यरूप में भी गुरु होना आध्यात्मिक मार्ग के लिए, साधना लिए एक वरदानप्राप्त की स्थिति होती है।साधना में कोई भी अड़चन हो या अपने भौतिक जीवन में कोई संकट हो,तो उसका समाधान गुरुजी के पास जाकर शत प्रतिशत मिलता है।

ऐसे गुरु मिलने के लिए हम अपने आपको बहोत ही भाग्यशाली समझते हैं।

मेरा एक सच्चे गुरु का शोध परमपूज्य पारस गुरुजी के पास आकर रुक गया।
एक शारीरिक एवं मानसिक बदलाव की प्रक्रिया, साधना के इस कठिन मार्ग पर गुरुजी की कृपासे सरल हो गई। जीवनको एक लक्ष्य मिल गया। ये सब स्थितियाँ बोलनेसे या सुननेसे नहीं, तो सिर्फ़ एक अनुभव करनेकी चीज़ है।

तपोभूमि आश्रम की पवित्रभूमि पर एक दिव्य ऊर्जा (Divine Energy ) का बड़ा स्त्रोत है। वहाँ के मेडिटेशन हॉल में एक ऐसी पॉज़ीटिव ऊर्जा भरी है कि वहाँ साधना करनेसे अपने आपको एक शक्तिशाली भावना आती है। वहा से वही दिव्य ऊर्जा लेकर शिविर के बाद हम अपने घर चले जाते हैं, आनेवाली शिबीरों की आस लेकर, इतना आनंदरमयी अनुभव एक सच्चे गुरु के सानिध्यमें प्राप्त होता है।

हमारा लाख लाख प्रणाम गुरुचरणोंमें समर्पित है ।
ऐसे ही गुरुजी की कृपा हमपर हमेशा बरसती रहे।

।। ॐ श्री गुरुभ्यो नमः ।।

श्री योगेशउंडाळे, (कोल्हापुर)
१९/७/२०२५

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